तालमेल हीं जुदा है ।
आजकल यहीं मसल्ला गर्म है । बच्चों के भविष्य को लेकर माँ - बाप चिंतामग्न है । एक - पीढ़ी दूजी पीढ़ी तीसरी पीढ़ी के बीच संघर्ष का व्यवधान बड़ा है । कहाँ जाए किससे कहे अपनी दुविधा जब आपसी समझ का तालमेल हीं जुदा है ।