काश का भरोसा काँच सा
काश से निकल बाहर खुली हवा में खुद को हहराना दो थोड़ा - थोड़ा बंद रहकर सीलन की बदबू छाई की बारिश से जमीन पर जम आई काई है दोष नहीं किसी का , काश का भरोसा काँच सा
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