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जुलाई, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

काश का भरोसा काँच सा

काश   से   निकल   बाहर खुली  हवा  में  खुद  को  हहराना  दो  थोड़ा - थोड़ा बंद   रहकर    सीलन   की   बदबू    छाई   की बारिश    से    जमीन   पर    जम   आई   काई   है दोष   नहीं   किसी  का   ,  काश  का   भरोसा  काँच  सा

चलो देख आए

हवाओं   से   दूर   नीलगगन   के  साथ  समंदर   का   तरंगायित   दर्पण हरियाली   का   तृण -  तृण लहराता  धरा   के   आंगन  में उत्सव   के  साथ  सावन  की  सौगात  बारिश   में   झूमता -  गाता   बालदल कागज   की    कश्ती    बनाता    और

जिंदगी की राहें

हर दिन की तरह आज का भी दिन अपने में नया है अनेक संभावनाओं अवसरों को लिए आज का दिन भी दरवाजे पर दस्तक दिए खड़ा है , कल पर छोड़कर क्या फायदा कल किसने देखा है ? तो फिर जरुरत है तो बस अपने आज को संवारने की , बीते कल से उतना ही लो जितना की ठीक हो जिंदगी की गाड़ी अपनी सही रफ्तार के साथ चलती रहे वर्ना ज्यादा बोझा लेकर चलने से सफर का कोई मतलब ही नहीं रहे जाता है

सुप्रभात !

सुप्रभात ! आज मेरे ब्लॉग प्रियाहिंदीवाइब की प्रथम वर्षगांठ है 9 जुलाई , 2024 को स्वरुप में आए ब्लॉग की आज 9 जुलाई , 2025 को पूरे एक वर्ष हो गए है । शुरुआत के दिनों से लेकर अब तक का सफर केवल रचनाओं के प्रकाशन तक ही सीमित न रहा , बल्कि इस सफर में अनेक मोड़ आए और उनके साथ ही अनेक अनुभव भी कई नई चीजें सीखने को मिली , ब्लॉग जगत