हँसो हँसो खूब हँसो लाॅफिंग बुध्दा
हँसो हँसो खूब हँसो लाॅफिंग बुध्दा
हँसो हँसो खूब हँसो लाॅफिंग बुध्दा
हँसो हँसो जमकर हँसो लाॅफिंग बुध्दा
हँसो हँसो मिलकर हँसो लाॅफिंग बुध्दा
हँसो हँसो खुलकर हँसो लाॅफिंग बुध्दा
हँसो हँसो तबीयत से हँसो लाॅफिंग बुध्दा
मुश्किलों की कठिन डगर पर हँसो
कंक्रीट की गढ्ढे वाली सड़क पर हँसो
चारों ओर फैली हरियाली पर हँसो
जीवन की परेशानी पर हँसो
दुनिया कहे पागल है तो हँसो
दुनिया कहे बावला है तो हँसो
दुनिया कहे बेवकूफ नासमझ है तो हँसो
दुनिया कहे दुनियादारी के झंझटों से
अनजान है ये महाशय मूर्ख समान है तो
हँसो , हँसो हँसो खूब हँसो लाॅफिंग बुध्दा
मगर एक बात जरा गौर से सुनो
किसी को दुखी देख किभी मत हँसना
हों सके तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान
प्यारी लाना , हौंसला दे उसका साथ निभाना
किसी को गढ्ढे में गिरा , छल - प्रपंच से
उसे फँसा किभी मत हँसना , बल्कि
किसी असह्य पथभ्रष्ट का सहारा बनना
उसे सन्मार्ग दिखाना
किसी की तकलीफों पर मत हँसना
किसी की मजबूरी पर मत हँसना
किसी गरीब की सूखी रोटी पर मत हँसना
किसी के दिल को चोट पहुँचा मत हँसना
क्योंकि ये हँसी नहीं , राक्षसी हँसी है ,
जो ईश्वर को कदापि पसंद नहीं है ।
लाॅफिंग बुध्दा कहता है हँसो हँसों खूब हँसो
पर ऐसी राक्षसी हँसी किभी मत हँसो
बाकी रिकार्ड तोड़ हँसो हँसो हँसो खूब हँसो
मिलकर हँसो जमकर हँसो
खुलकर हँसो जी भरकर हँसो
हँसो हँसो खूब हँसो लाॅफिंग बुध्दा ...!
“लाफिंग बुद्धा” की मूर्ति देखते ही आपकी रचना जरुर याद आएगी । सुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 29 मार्च 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह ! हँसने की इतनी ताकीद तो जन्मभर में नहीं की होगी किसी ने, जितनी आपकी इस रचना में की गई है, क्योंकि हँसना मनुष्य होने की निशानी है
जवाब देंहटाएंगजब 👌
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति
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