अनेकों शुभकामनाएँ वेणु
वेणु अपनी गति की चाल तेज कर पूरे दमखम के साथ रोड़ के किनारे किनारे चली जा रही है । हम्म…काफी देर जो हो गई है । पहले दिन ही लेट कैसे चलेगा ….सोचती हुई अपने पैरों से रास्ते को और जल्दी जल्दी नापने लग जाती है । जैसे कि उसे किसी मैराथन में दौड़ लगानी है , क्या लगा रही है , हालाकि इस रास्ते का भी उसे लिहाज रखना है अतः अब जैसे भी हो किसी तरह समय पर पहुँचना है । ये लो संगीत नाट्य कला अकादमी का केंद्र नजर आ गया और जिसे देख वेणु को कुछ