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मीठी बारिश

अम्बर   तले    छाँव   नील    गगन   में  बादल    गुजरे    ,   मेरी    छोटी    गुड़िया  प्यारी     करे    देख    उन्हें    इशारा  बताओ    तो    मम्मी    जरा    इनमें  कौन    छिपा  ?   किस   की   है   रुई    सी     मुलायम    सवारी  कौन     सवार    होकर    इन ण धीमी -  धीमी   गाड़ियों   से   जाता  है ?   वह     किधर   ,   कहाँ    जाता   ?  क्या     वो     हमको    झाँकता   है  ?  हमसे    मिलने    को    वो    क्यों    नहीं  नीचे    आ...

जब सफर में ...

शुरु  - शुरु  में  थोड़ा  मुश्किल  था  पर  मन  था  शुरुआत  हो  ही  गई । हालिक  अभी भी  झिझक  गई  नही  है  ,  यह  मन का  अजीब  द्वंद्व  है  जहाँ  इसे  नयी  दिशाओं  की  तलाश  भी  है  और   एक  तरफ   नहीं   की  जकड़न  से   बंधा  बार  -  बार   पीछे  को  खींचा  चला  जाता  है  ,  पर  अब   जब   सफर  में   निकलने  के  लिए  पहला  कदम  रख  ही  दिया  है   तो  ठीक  है  ...  कुछ  सीखने  को  ही  मिलेगा   । मेरा  यूट्यूब  चैनल  -   Nature feel of soul  

जनपथ बहुराती

संकेत संकेतक कभी शुभ समाचार की कभी किसी अनहोनी अनिष्ट की दोनों ही रहस्य भविष्य के गर्भ में छिपे है जिसको उस त्रिकालदर्शी के सिवा मैंने क्या किसी ने भी नहीं देखा , तो सुख- दुख के तराजू बराबर है दिन के बाद रात, रात के बाद दिन कोई बाधा नहीं , फिर अस्वीकार कैसा

अनेकों शुभकामनाएँ वेणु

वेणु अपनी गति की चाल तेज कर पूरे दमखम के साथ रोड़ के किनारे किनारे चली जा रही है । हम्म…काफी देर जो हो गई है । पहले दिन ही लेट कैसे चलेगा ….सोचती हुई अपने पैरों से रास्ते को और जल्दी जल्दी नापने लग जाती है । जैसे कि उसे किसी मैराथन में दौड़ लगानी है , क्या लगा रही है , हालाकि इस रास्ते का भी उसे लिहाज रखना है अतः अब जैसे भी हो किसी तरह समय पर पहुँचना है । ये लो संगीत नाट्य कला अकादमी का केंद्र नजर आ गया और जिसे देख वेणु को कुछ