चिंता नहीं चिंतन करो

चिंतन समाधान प्रस्तुत करता है । जो जीवन के हर मोड़ हर परिस्थिति में समस्याओं से कैसे निपटा जाए ? कैसे हम स्वयं को भीतर से सशक्त करे ? कैसे हम अपने जीवन को सार्थक कर सकते है ? कैसे स्वयं और दूसरों के मध्य सामंजस्य सुनिश्चित कर सकते है ? इत्यादि तमाम प्रश्नों का उत्तर है - चिंतन । चिंतन यानी किसी चीज को गहराई से समझना उसके हरेक पहलू पर व्यापक दृष्टिकोण के साथ विचार करना और यह तय करना कि यदि हम ऐसा ना करके कुछ ऐसा करे की जो प्रतिकूल परिस्थितयाँ हमारे समक्ष आयी है , क्यों ना उसे अपने अनुकूल बनाने का प्रयास करे , क्यों ना उसमें कुछ रचनात्मक खोज निकाले और क्यों न धैर्य से काम लेते हुए स्वयं को भीतर से दृढ़ बनाया जाए ।

इसलिए जीवन की कठिनाइयों में चिंतन एक ऐसा साधन है , जो आपको उन तमाम कठिनाइयों से बाहर निकालकर चेतन के स्तर पर ले जाकर आप में एक ऐसी चेतना जगाता है कि उसके आगे फिर चाहे जैसी परिस्थितियाँ क्यों न हो आप मजबूत होते है । यहाँ चिंतन के विषय में एक बात महत्वपूर्ण है कि चिंतन के भी दो रुप है - सार्थक या सकरात्मक चिंतन और निरर्थक या नकरात्मक चिंतन । इसमें पहला रुप है - सार्थक या सकरात्मक चिंतन का जो हमारी प्रगति का मार्ग सुनिश्चित करता है , जो हमारे जीवनदृष्टिकोण को और अधिक व्यापक बनाता है और हमारे व्यक्तित्व के विकास में सहयोगी होता है । चिंतन का यह रुप हमारे माता - पिता , गुरुजनों व हमारे सच्चे मित्र की भूमिका निभाता हुआ हमारे लिए जो अच्छा है , जो सत्य से प्रकाशित है उस रास्ते पर चलने के लिए हमें प्रेरित करता है । वहीं चिंतन का दूसरा रुप निरर्थक या नकरात्मक चिंतन का है , जो कि हमारी प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने के स्थान पर हमें निराशा और बुरे विचारों से भर देता है । इस प्रकार का चिंतन का विषय अक्सर अनजाने में मन - मस्तिष्क पर पड़े बुरे विचारों और अनुभवों आदि पर आधारित होता है । यह घृणा , तनाव , अवसाद और चिंता को जन्म देता है । अतः चिंतन का यह रुप किसी भी प्रकार से हितकर नहीं हो सकता है । इसलिए चिंता नहीं , चिंतन करो कि कैसे प्रगतिपथ की ओर अग्रसरित हो सके , कैसे शुभ की प्राप्ति की जा सके , कैसे जीवन के असल मायनों को जान परमसत्य के प्रकाश के भागी बन सकते है , अतएव अब चिंता नहीं , चिंतन करो । 

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सुंदर और सकारात्मक विचारों का प्रस्तुतिकरण ।

    जवाब देंहटाएं
  2. चिंतन समाधान प्रस्तुत करता है ....बहुत सटीक एवं सार्थक लेख ।

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

आप सभी सुधी पाठक जनों के सुझावों / प्रतिक्रियों का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन है ।

Popular posts

अजन्ता - भगवतशरण उपाध्याय रचित निबन्ध

स्नेह ममता का

दीप - भाव

पतंगें

पतझड़ की पाती

हँसो हँसो खूब हँसो लाॅफिंग बुध्दा

विश्रांत हो जाती

प्रातः उजियारे दीप जला