योग और आप



खुश  रहिए  खुश  रहेंगे  तो  नकरात्मक  नेगेटिव  एनर्जी   दूर  होगी  और  आपके  भीतर  और  बाहर  की  दुनिया  में  एक  खुशमिज़ाज पाॅजिटिव  एनर्जी  का  घेरा  तैयार  होगा  जो  आपके  मेंटल हेल्थ  को  संतुलित  बनाए  रखने  में  मददगार  होगा  और  आपकी  शारीरिक कार्य  करने  की  क्षमता  में  भी  एक  खास  स्फूर्ति   दिखाई  देगी ।

योग  और   ध्यान  मेंटल  हेल्थ  को  फिट  रखने  के  लिए   बहुत  ही  लाभकारी   उपाय  है ।  हमारी  भारतीय  संस्कृति  में   योग  विघा   का प्राचीन   समय   से  प्रचलन  रहा  है ।   महादेव  शिवशंकर   को  आदियोगी  के  रुप  में  जाना  जाता  है ।  भगवान  शिव  ने  यह  योगविघा  का   ज्ञान   ऋषि -  मुनिजनों  को  दिया  और   ऋषि -  मुनियों  ने  इस  परंपरा   को   साधारण  जन  तक  पहुँचाकर  उन्हें  इससे  लाभान्वित  किया ।  महर्षि  पतंजलि   का   योगशास्त्र   योग संबंधी  नियमों  का  प्रतिपादन  व्याख्या   विवरण  का  ग्रंथ  है  जो  सुस्पष्ट  सूत्रात्मक  भाषा शैली  में   निबध्द  है ।  योग  और  ध्यान   चंचल  मन को  एकाग्र  कर  उसे  ईश्वर  की  ओर  उन्मुख  कर   परमशांति  देता  है ।

इसलिए   प्रतिदिन   के   कार्यों  में  से  कुछ  वक्त  निकालकर   योग  और   ध्यान   अवश्य  करना  चाहिए  ।   आपकी  बहुत  सी  अनसुलझी  समस्याओं  से  छुटकारा  पाने  व   तनाव  चिंता  से  मुक्त होने  में  योगचिकित्सा  सहायक  सिध्द   होती   है ।  आज  की  तकनीकी  भागम-भाग  भरी   जिंदगी  में  खुशहाल  रहने  एवं  अपने  चारों  ओर  एक पाॅजिटिविटी  बनाए   रखने  में  योग  और  ध्यान  काफी असरकारक  है  ।  अतः  योग  को  जीवन  में  अपनाए   और   इसके  सुपरिणाम से  जिंदगी  से   टेंशन  स्ट्रेस  डिप्रेशन   जैसी  चीजों   को  दूरकर   खुशियों  का  स्वागत  करिए ।   इसी   के  साथ   आपका  दिन  शुभ  मंगलमय  और  सकरात्मक  ऊर्जा  से   प्रेरित   हो ।   योगेश्वर  श्रीकृष्ण   आदियोगी  शिव  का  मंगलमय  आशीर्वाद  और  कृपा  सब  पर  बनी  रहे  । 🙏 

 इति  शुभम् ।

टिप्पणियाँ

  1. बहुत सही लिखा है आपने,सार्थक लेख।
    सादर।
    --------
    नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शनिवार १३ दिसम्बर २०२५ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  2. धन्यवाद ! श्वेता जी रचना को पाँच लिंकों के आनंद में सम्मिलित करने के लिए ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बेहतरीन, योगा से ही होगा...

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

आप सभी सुधी पाठक जनों के सुझावों / प्रतिक्रियों का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन है ।

Popular posts

अजन्ता - भगवतशरण उपाध्याय रचित निबन्ध

विश्रांत हो जाती

दीप - भाव

लोक संस्कृति और लोकरंग

रामवृक्ष बेनीपुरी गेहूँ बनाम गुलाब निबंध

हँसो हँसो खूब हँसो लाॅफिंग बुध्दा

स्नेह ममता का