तैयारी
आप अपने कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते है तो इसके लिए तैयारी करे । आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जो कुछ भी करते है , वह पूरी निष्ठा के साथ करे । तैयारी अगर अच्छी होगी तो जीत का फल भी निश्चित ही मीठा होगा ।
आपको अपने आस-पास की दुनिया में जो घटित हो रहा है उससे बाहर हो और भीतर से दृढ़ हो जाना है । ये कोई एक - दो दिन की बात नहीं होनी चाहिए , बल्कि तैयारी की गाड़ी सदैव चलती रहनी चाहिए , जब तक लक्ष्य में सफल न हो जाए । इसके बाद , आपको रुकना नहीं है । आप अपने जीवन को जानिए जब तक श्वास चलती है तब तक सब ठीक है , पर जैसी ही श्वास रुकी सब समाप्त हो जाना है । अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेने के बाद आप उस महान लक्ष्य को भी समझने का प्रयास करे जो परमार्थ से जुड़ा हो , आध्यात्म की निर्मल सरिता जिसमें प्रवाहित हो । अहं जैसे दुर्गुणों से दूर सत्यधर्म मानवधर्म पर आश्रित लक्ष्य ही सब लक्ष्यों का मूलबिंदु है । उसे प्राप्त करने की तैयारी स्वयं एक बहुत बड़ा प्रस्थान - बिंदु है - अपने आत्मरुप के प्रति ।
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