वाणी वाग्शेवरी मधुर संगीत भरी !
वाणी वाग्शेवरी मधुर संगीत भरी
शक्ति की स्वरुप देवी ,
चैतन्यता का प्रतिरुप देवी शारदा ।
प्रणत शिखर नित स्तुतिगान लय भरा
ज्योत प्रकाश मन में सजा
संकल्प में हर वचन कुशल बना ।
भावों की शुचिता मन - मालिन्य मिटा ,
हृदय - अन्तर्तम में प्रेम - दीप जला ।
कोटि - कोटि नमन भवदीया शारदा ।
ममत्व - शिशुरुप विश्व तेरे आँचल में पला ।
करुणा की कथा , वेदों की आधार
दया की विनत शुभ्र छटा , स्मित मुस्कान ।
उल्लासित मन झूम उठा , बंधमुक्त विहंगीय उड़ान
विस्तृत व्योम परिचार ।
संचालित गतिशील सदा वेगवान
स्थिर शोभा गुणग्राही अद्भुत रुप शील - निधान ।
वाणी वाग्शेवरी मधुर संगीत भरी !
वाणी वाग्शेवरी मधुर संगीत भरी !
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