ये नन्हीं बाल आशायें पूर्ण होंगी

पूर्णिमा    चाँद   आज   आसमाँ  

पर   सजेगा  ,   धीरे  -   धीरे   बढ़कर 

कई   दिनों   के   इंतजार   के   बाद 

आज   चाँद   अपने   पूरे   रुप   में   फबेगा

गायेंगी    गीत    मीठी   आवाजों   में  सितारों   

की   महफिल   से   पूरा   समा   जब   बंधेगा

माँ  अपने  बच्चे   को   लोरी   गाकर  सुलायेगी

खिड़की   से   चंदा   के   दर्शन   करायेगी

आज  रामकृष्ण  भी  उस  चंदा  के  लिए  रात  

में  जागेंगे  मइया  जसोदा  कौशल्या  के  समान

आज   चंदामामा  में   भी  वात्सल्य   उमड़ेगा

आज    चंद्रकलाएँ    पूर्ण    होंगी  ;

आज   ये   नन्हीं   बाल   आशायें   पूर्ण   होंगी ।


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