मेरे राम मेरे साथ प्रतिपल चलते है

कण    कण    में    बसते   है  ।

हर    क्षण      में     रहते     है ।

मेरे    राम    मेरे    साथ    प्रतिपल   चलते   है ।

बनके     नैया    के     खैवणहार

मेरी     नैया     पार     लगाते    है  ।

अंधेरे     में     करते    उजियारा    

राह    दिखाते    है  ।

मुश्किलों    में    साथ   निभाते   है ।

मेरे    सुख  -   दुख    में   हाथ   बँटाते   है ।

ठोकर     खा    जो    गिरुँ    मैं 

हौसला    देते    है ।

मुख   पे   एक    मीठी    मुस्कान   खिलाते  है ।

दरश   दिखाते   है   ,  जग   के   मात - पिता

अपनी    संतानों   को   देख   

पुलक  हृदय  से   ममता  की  धारा  बरसाते  है।

तेजपुँज    साहस   धैर्य   करुणा   

प्रेम   जीवदया  का   पाठ   जीवन    पाठशाला  

में   बनके   गुरु    हमारा ,   हमें    सिखाते   है ।

कण     कण      में     बसते   है ।

हर   क्षण     में    रहते    है ।

मेरे    राम    मेरे    साथ    प्रतिपल   चलते   है ।



टिप्पणियाँ

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