सुप्रभात !
सुप्रभात ! आज मेरे ब्लॉग प्रियाहिंदीवाइब की प्रथम वर्षगांठ है 9 जुलाई , 2024 को स्वरुप में आए ब्लॉग की आज 9 जुलाई , 2025 को पूरे एक वर्ष हो गए है । शुरुआत के दिनों से लेकर अब तक का सफर केवल रचनाओं के प्रकाशन तक ही सीमित न रहा , बल्कि इस सफर में अनेक मोड़ आए और उनके साथ ही अनेक अनुभव भी कई नई चीजें सीखने को मिली , ब्लॉग जगत
से जुड़े अनेक रचनाकारों और उनके ब्लॉग से परिचय हुआ और इन सबमें एक बात जो मुझे सबसे बड़ा अचम्भा प्रतीत होता है , वह कि एक ब्लॉग कैसे दूसरे ब्लॉग से एक कड़ी के रुप में जुड़ जाता है और यह कड़ी ही मूलाधार है संपूर्ण ब्लॉग जगत की एकता की । बड़ी चीजों की अपनी एक विशालता होती है यह ठीक है , लेकिन इन बड़ी चीजों में अनेक छोटी - छोटी कोशिशें छिपी हुई होती है जो इन सबमें विशालतम है । ब्लॉग जगत से जुड़े रचनाकार और पाठक भले ही भौतिक रुप से अपरिचित हो , पर उनकी रचनाओं व सारगर्भित सहृदय भाव प्रकाशित टिप्पणियाँ अपने साथ एक विस्तृत भावबोध , मानवीय मूल्य और उसके प्रति अटूट विश्वास , सामाजिक - सांस्कृतिक सरोकार से संबध्द चिंतन की अंतर्निहित पुकार और प्रकृति एवं संपूर्ण प्राणीजगत के प्रति निष्ठा , विश्वास और प्रेम व करुणा की संवेदना - सहानुभूति का साक्षात परिचय देती है । आत्मरंजन के साथ - साथ सोचने पर मजबूर करती अभिव्यक्ति है । इस आपाधापी में क्या खोया और क्या पाये के बीच हृदयतल की गहराइयों से प्राप्त सच्चे मोतियों की माला का सौंदर्य है , जो मननयनों को अभिराम सुख देता है शिवत्व का सच्चा बोध नित प्रेरणा का बीजारोपण करता हुआ मंगलविधान के लिए सदैव प्रस्तुत रहता है ।इन सबमें एक बात और जो ध्यान देने की है , वह यह कि हम सोशल मीडिया के बढ़ते हुए क्रेज के दुष्प्रभावों और मोबाइल स्क्रीन से अधिक समय तक के टच की गहन होती समस्या पर ध्यान दे । हर उम्र के लोग आजकल सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ही अपना अधिकांश समय व्यतीत कर देते है , जोकि स्वास्थ्य के लिए बुरा होता ही है इसके साथ - ही - साथ हम लोग आभासी दुनिया के चक्कर में अपने आस-पास। की वास्तविक दुनिया को ही भूला बैठते है । इस समस्या पर आत्मानुशासन द्वारा नियंत्रण पाया जा सकता है , बस थोड़े से प्रयास की जरुरत है और हमें यकीन है , आप ये कर सकते है ।
तो बस इसी के साथ अपनी बात मैं यही पर समाप्त करती हूँ और एक बार फिर आप सबका आभार प्रकट करती हूँ , जिनकी वजह से ही प्रियाहिंदीवाइब का अब तक का सफर बहुत सुंदर रहा और आशा है कि आप सब सहृदय पाठकजनों का साथ आगे भी यूँही प्रोत्साहन प्रेरणा का संबल बनेगा । हार्दिक धन्यवाद …!
बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ प्रिया जी ! सारगर्भित और सूक्ष्म विश्लेषण के साथ बहुत सुन्दर पोस्ट ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाइयां । लिखती रहें ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंप्रिया जी आपके ब्लाग प्रियाहिंदी वाइब की पहली वर्षगांठ के लिए आपको बधाई आप यूं ही लिखती रहें और साहित्य की सेवा करती रहें
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंआप सबका हार्दिक धन्यवाद !
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