जब सफर में ...
शुरु - शुरु में थोड़ा मुश्किल था पर मन था शुरुआत हो ही गई । हालिक अभी भी झिझक गई नही है , यह मन का अजीब द्वंद्व है जहाँ इसे नयी दिशाओं की तलाश भी है और एक तरफ नहीं की जकड़न से बंधा बार - बार पीछे को खींचा चला जाता है , पर अब जब सफर में निकलने के लिए पहला कदम रख ही दिया है तो ठीक है ... कुछ सीखने को ही मिलेगा ।
मेरा यूट्यूब चैनल - Nature feel of soul
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में सोमवार 10 नवंबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
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