सच्चा संघर्ष

सच्चा   संघर्ष   जीवन   का  ,

अपने   से   बढ़कर   पर  के  हित  का ,

भावबोध  ,  जीवन  दृष्टि   विस्तार  का ,

शून्य  से  हो  संतृप्त  आत्मज्योति  प्रकाश  का , 

निर्विकार   मुक्त   चेतना ।

साकार  से   निराकार   का ,  अनन्त  में

व्याप्ति   उस   एक   असीम   पारावार  का ,

मन   बन   कहती   जो   अनेक   कथा   

कथा   -   सूत्राधार   का ।

परिष्कृत  ,  पल्लवित  ,  पुष्पित  

सौरभ    सुगंधित   सुवास   सरस  

स्वरुप    देता    दीप्तालोक  

भाव  -  अभाव   ,  व्यक्त -  अव्यक्त 

छंद  -  स्वछंद  ,  वेगधारा   पवित्र   गंगा  -  सी

निश्छल ,  निष्कपट   निरंतर   सहज   गति 

वेगवान   जीवनस्थली ।

क्षण   का   हर   कण   सहज   अस्तित्व 

हर   क्षण   सौभाग्य   मुक्तमाल  स्फुरित । 

सुस्मित , स्फटिक  समुज्ज्वल  शोभा भारती ।

सच्चा   संघर्ष   जीवन   का  , 

अपने    से   बढ़कर 

पर   के   हित   का  ।


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दीपभाव


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