मोहन मुरलिया बंसी बजाए
मोहन मुरलिया बंसी बजाए।
जागी जागी जागी जाए जग की कलियाँ
मोहन मुरलिया बंसी बजाए।
बजाए मोहन मुरलिया बंसी बजाए
जागी जागी जागी जाए जग की कलियाँ
मोहन मुरलिया बंसी बजाए।
हवाएँ संग गीत गाए
गाये पपीहा कोयल सुर मिलाये
नाचे झूमे जाए इठलाएँ बलखाये
मोरनी चाल झूमी - झूमी जाए
रव भर नभ में वारी वारी जाए
खग कलरव पंख फैलाये
जागी जागी जग की कलियाँ मोहन
मुरलिया बंसी बजाए ।
जागी जागी जग की कलियाँ मोहन मुरलिया
बंसी बजाए ।
मन भरे प्रीत में झूमे संग मेरे मीत रे
बरखा सुहानी नदियों में बहता पानी
प्रेम की गागर भरने जाऊँ पनघट पे
मैं बनके दीवानी ।
तेरे नाम की नित जपती रहती माला
गिरधर नागर मैं तेरी ब्रजबाला ।
जागी जागी जागी जाए जग की कलियाँ
मोहन मुरलिया बंसी बजाए।
जागी जागी जागी जाए जग की कलियाँ
मोहन मुरलिया बंसी बजाए
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