कनेर

मेरे    गाँव    के    किनारे    एक   कनेर   का   पेड़   है ।

तुम    आना    देखने   ,

उसकी   धानी   रंग    की    पत्ती ,

लम्बी   धारदार   कोमल   सीख   सरीखी ।

उसकी   गुठलीनुमा   कली 

और   पीले -  वस्त्रों   से    सोहते   उसकी  

लम्बी  ,  सकरीली ,  गहरी  ,  प्यालीदार  

फूलों    को    देखने , 

जिसको   नीचे   से   सँभालती  सहारा   देती ,

वो   हरी - हरी    कली ।

सर्द   दिनों   में   अभी   खिली   नहीं   है  ,

पर   तुम    आना   

वसंत  !  शीघ्र   फूलों   की   बहार  लाना 

तुम   आना   देखने

मेरे   गाँव    के   किनारे   एक   कनेर   का   पेड़   है ।


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कनेर


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